15 august independence day history

पंडितो ज्योतिषियों के मना करने के बाद भी क्यूं 15 August को Indian Independence Day मनाया जाता है

आइए जानते है Independence Day पंद्रह अगस्त की कहानी की आखिर कार इस तारीख को ही क्यूं चुना गया हमारे देश की आज़ादी के लिए और क्यूं पंडितों को मंजूर नहीं थी ये तारीख और फिर क्या कैसे हुआ 15 अगस्त को आज़ादी का दिन।

जैसा की हम सब को पता है की 15 August के दिन हर साल भारत देश में Happy Independence Day मनाया जाता है और खूब धूम धाम से मनाया जाता है ये एक ऐसा पर्व है जिसको हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई और सारे धर्मों के लोग मिल जुलकर मानते है और बहुत ही अच्छे तरीके से Independence Day 15 August को मानते है, अब आइए हम इन दिन की हिसटरि के बारें में जान लेते है History of Independence Day 15th August की आखिर 15 अगस्त की तारीख को क्यूं चुना गया भारत की आज़ादी के लिए।

15 August Indian Independence Day की कहानी है बहुत ही रोचक

फरवरी 1947 में अंग्रेजों ने लॉर्ड लुइस माउंटबेटन को अंतिम वायसराय के तोर पर भारत भेज दिया था माउंटबेटन महारानी विक्टोरिया के परनाती थे और दूसरे विश्व युद्ध में उनकी वीरता और प्रबंधन के कई किस मशहूर थे इसीलिए ब्रिटिश हुकूमत को उनसे उम्मीदें भी बहुत थी उन्हें भारत भेजते हुए कहा गया था की जून 1948 तक हिंदुस्तानियों के हाथों में सत्ता स्थानांतरण कर दिया जाए पर माउंटबेटन इतना लंबा इंतजार नहीं करना चाहते थे वो जानते थे इन हालात में भारत पर लंबा नियंत्रण संभव नहीं उन्होंने तारीख तय कर ली जो की 15 अगस्त 1947 थी

15 अगस्त को चुनने का एक कारण ये भी है – Indian Independence Day
lord mountbatten के प्रेस सचिव campbell johnson के अनुसार मित्र देशों की सेनाओं के सामने जापान के आत्म समर्पण की दूसरी वर्षगांठ 15 अगस्त को पड़ रही थी और येही वजह है की इसी दिन भारत को आजाद करने का भी फैसला किया गया।

भारत में पंडितो ज्योतिषियों को यह तिथि बिल्कुल स्वीकार नहीं थी उनके अनुसार ग्रहण नक्षत्र का योग उसे रोज शुभ नहीं था उन्होने आपत्ति जताई की तिथि बदली जाए बड़ी ही विकत स्थिति थी लेकिन माउंटबेटन इन सब बातों पर यकीन नहीं करते थे वो 15 के अलावा कोई और तारीख करना नहीं चाहते थे और भारतीय नेतृत्व में कोई भी समूचे देश की भविष्य को चंद घंटों के लिए खतरे में डालना नहीं चाहता था

August 1947 India-Pakistan Independence

इसी बीच तब एक बीच का रास्ता निकाला गया यह ते किया गया की 14 तारीख की रात को 12:00 बजाने से पहले पहले समारोह संपन्न हो जाए प्रधानमंत्री स्वरूप पंडित जवाहरलाल नेहरू का भाषण हो जाए ताकि 15 अगस्त के आगमन से पहले ही औपचारिकताएं पुरी कर ली जाए ये स्थिति सबको स्वीकार थी और इसी के अनुसार तय्यारी शुरू हो गयी

तकनीकी रूप से भारत और पाकिस्तान एक ही समय आज़ाद हो रहे थे माउंटबेटन इस खास पल में भारत में रहना चाहते थे इसीलिए उन्होंने फैसला किया की 13 अगस्त को ही पाकिस्तान चले जाएंगे और 14 अगस्त को औपचारिकता पूरी कर शाम तक भारत लौट आएंगे माउंटबेटन जब कराची के लिए निकालने वाले थे तं उनके पास एक अधिकारी आए और 2 सील बंद लिफाफे उन्हे थमा दिये इन लिफाफों में भारत पाकिस्तान की विभाजन को निर्धारित करने वाली रिपोर्ट राखी थी माउंटबेटन ने दोनों लिफाफों को बिना खोल सुरक्षित रखवा दिया वो नहीं चाहते थे की आजादी के उत्सव पर बंटवारे का साया मंडराये और लोगों के मन में खटास आए माउंटबेटन ने एक संदूक में इसे बैंड किया और कराची रवाना हो गए

इस तरह से साल 1947 में 14 August को रात को पंडित का भासन हुआ और सुबह होते ही सारे भारत के लोग आज़ाद हो गए और अंग्रेज़ अपना रास्ता छौड़ के चले गए और इस तरह से हमारे देश भारत में Independence Day की शुरुवात 15 अगस्त से हो गयी।

other country independence day on 15th august 2023

15 अगस्त भारत के अलावा 3 और देशों का भी स्वतंत्रता दिवस है- जिनमें दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त 1945 को आजाद हुआ। ब्रिटेन से बहरीन को 15 अगस्त 1971 को आजादी मिली थी और फ्रांस ने कांगो को 15 अगस्त 1960 को स्वतंत्र घोषित किया था।


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