super blue moon facts about moon colours

Super Blue Moon Facts : क्यूँ होता है चाँद नीला और अलग रंगो का जाने सारे तथ्य

देखा जाता है कि अलग अलग हालात में चंद्रमा के रंगों में बदलाव आ जाता है. चंद्रमा कभी केवल सफेद, कभी पीला, कभी नीला(Blue Moon), कभी गुलाबी तो कभी केसिरया तक जैसा भी नजर आता है लेकिन अब सवाल यह आता है कि चाँद के रंग का कैसे निर्धारण होता है।

क्या पृथ्वी के खास हिस्सों मे ही खास रंग का चंद्रमा दिखाई देता है या फिर किसी भी चाँद (Moon) का खास रंग का समय पर ही बनता है तो आइए सब जानते हैं कि इस बारे में क्या कहता है विज्ञान (Science About Super Blue Moon).

चाँद के रंग क्यूँ बदलते है ? (Why Moon Changing moon colour ?)

Moon Colours

सामान्य तरीके से चाँद चांदी के रंग में कुछ हल्का भूरा रंग मिले हुआ दिखाई पड़ता है, लेकिन Moon कई तरह के शेड्स में दिखाई देता है जिससे वह कभी पूरी तरह से चमकीला चांदी का, कभी हलका नीला तो कभी केसरिया, पीला, व अन्य रंगों में दिखाई देता रहता है। इसकी वजह में अलग अलग कोणों से सूर्य से चंद्रमा पर पड़ने वाला प्रतिबिम्बित प्रकाश का पृथ्वी तक आना तो है ही, साथ ही पृथ्वी का वायुमंडल तक भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है।

नासा क्या कहता है चाँद के रंगों के बारें में (Nasa About Moon Colours)

अंतरिक्ष से तो एक ही रंग का चाँद दिखता है और नासा भी इस बात को मानता है कि Moon के अलग रंगों में दिखाई देने के पीछे पृथ्वी यानि हमारी धरती का वायुमंडल ही सबसे बड़ा कारण है। नासा के अनुसार चंद्रमा अंतरिक्ष में से कत्थई रंग की मिलावट वाला भूरे रंग का दिखता है। पृथ्वी का वायुमंडल का इस पर बहुत सारे असर डालता है जिससे चंद्रमा अलग अलग रंगों का हमे यहाँ दिखाई देता है।

लाल-पीले रंग के चाँद क्या मतलब?

नासा के अनुसार जब चाँद लाल या पीले रंग का दिखता है तो इसका एक ही मतलब होता है कि वह उस समय क्षितिज पर दिख रहा है। ऐसा इसलिए होता है कि नीला रंग वायुमंडल में लंबी दूरी तय करते समय बिखर जाता है जिससे रोशनी के सफेद रंग मिले हुए अन्य रंगों में से वह गायब होकर चंद्रमा को लालिमा या पीलापन का अहसास दे देता है।

चाँद नीला क्यूँ दिखता है? (Reason Behind Blue Moon)

कई बार चंद्रमा नीले रंग का दिखाई देता है जो की बहुत ही सामान्य बात नहीं है, जब वायुमंडल में धूल के कण ज्यादा होते हैं तो चंद्रमा आसामान को ही चमकीला बना देता है. ऐसा होता है तब नीले स्पैक्ट्रम से नीला प्रकाश पृथ्वी की सतह पर बिना बिखरे ही सीधा चला आता है और धूल के कारण सफेद रंग में नीलिमा ज्यादा दिखाई पड़ती है जिस वजह से चाँद हमे नीला दिखाई देता है।


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