Real History Of Harshad Mehta In Hindi,घोटालेबाज हर्षद मेहता की कहानी

Harshad Mehta Biography In Hindi Harshad Mehta Quick Info Education B.com Birth – 29 July 1954 at Paneli Moti, Rajkot district, in Gujarat Age – …

Real History Of Harshad Mehta In Hindi,घोटालेबाज हर्षद मेहता की कहानी

Harshad Mehta Biography In Hindi

Harshad Mehta Quick Info

  • Education B.com
  • Birth – 29 July 1954 at Paneli Moti, Rajkot district, in Gujarat
  • Age – 47 years
  • Death – 31/12/2001

दोस्तों फेमस डायरेक्टर हंसल मेहता की स्कैम 1992 नाम की वेब सीरीज इन दिनों काफी चर्चे में है दरअसल ये कहानी है हर्षद मेहता की वही हर्षद मेहता जिसे एक ज़माने में स्टॉक मार्किट का अमिताभ बच्चन कहा जाता था करीब 5 हज़ार करोड़ का घोटाला करके हर्षद ने उस समय पुरे भारत को हिला दिया था हालाँकि एक गरीब गुजराती परिवार में जन्म लेने वाले हर्षद की जेब तो खाली थी लेकिन उस की आँखों में सपने भरे थे और फिर अपनी म्हणत और दिमाग का इस्तेमाल करके वो स्टॉक मार्किट के बिग बुल कहलाये.

अपने सपने को पूरा करने के लिए हर्षद मेहता इतने सारे घोटाले कर दिए की आज भी हर्षद का नाम भारत के सबसे बड़े घोटाले में गिना जाता है हालाँकि आज हम जानेंगे की हर्षद मेहता के बाद से आज उनकी फॅमिली कहाँ और की हालत में है लेकिन शायद बोहत सरे लोगों ने हंसल मेहता की इस वेब सीरीज स्कैम 1992 को नहीं देखा होगा और उन के लिए में [पहले तो हर्षद मेहता की लाइफ और स्कैम के बारे में शोर्ट में बता देता हूँ.

90 के दशक के सबसे बड़े घोटालेबाज हर्षद मेहता की कहानी

तो दोस्तों 1954 में गुजराती परिवार में जन्मे हर्षद मेहता ने बचपन में अपना ज्यादातर समय छत्तीसगढ़ के रायपुर में बिताया और रायपुर से स्कूल की पढ़ाई करने के बाद से वह मुंबई आ गये और लाजपत कॉलेज से बीकॉम की पढाई की हालाँकि पढाई के बाद कोई अच्छा काम न मिल पाने की वजह से वह कपड़े बेचने से लेकर डाईमंड चुनने का भी काम करने लगे और फिर स्टाक मार्किट में हर्षद की एंट्री तब हुई जब उन्होंने ने न्यू इंडिया एश्योरन्स कम्पनी में नौकरी करनी शुरू की और फिर यहीं से हर्षद मेहता की स्टाक मार्किट में दिलचस्पी बढ़ी और नौकरी छोड़कर उन्होंने 1981 में एक बरोक्रेज फर्म को ज्वाइन केर लिया.

और फिर धीरे धीरे आगे चल कर 1990 तक हर्षद मेहता इंडियन स्टाक मार्किट के एक बड़ा नाम बन चुके थे दरअसल कहा जाता था की हर्षद मेहता जिस भी चीज को छू देता वो सोना बन जाता था और उसे उस time स्टाक मार्किट का अमिताभ बच्चन और बिग बुल के नाम से भी जाना जाता था और दोस्तों हर्षद मेहता को स्टाक मार्किट की अच्छी समझ तो थी लेकिन उन के लालच ने आगे चल कर घोटाले का एक बड़ा रूप ले लिया.

दरअसल हर्षद ने बैंकिंग सिस्टम की खामियों का फायेदा उठाया और बहुत सारा पैसा बैंक से लेकर शेयर मार्किट में लगा दिया हालाँकि टाइम्स ऑफ़ इंडिया के जर्नलिस्ट सुचेता दलाल को इस बात की भनक लग गयी तो फिर 23 अप्रैल 1992 को सुचेता ने इस पुरे स्कैम को अपने रिकॉर्ड में छाप दिया और फिर जब घोटाले सामने आने लगे तब जिस तेज़ी से स्टाक मार्किट उठा था उतनी ही तेज़ी से वह निचे गिर गया जिस से की बहुत सारे हर्षद मेहता को फॉलो करने वाले लोग पूरी तरह से बर्बाद हो गये और दोस्तों मुम्बई की दलाल स्ट्रीट से लेकर नई दिल्ली में संसद तक इस घोटाले की गूंज सुनाई देने लगी.

जब स्कैम की जाँच के लिए टीम बनायीं गयी तब नवम्बर 1992 में सीबीआई ने हर्षद मेहता को गिरफ़्तार कर लिया साथ ही इस घोटाले में उनका साथ देने वाले उनके भाई आश्विन को भी कसटडी में ले लिया था और दोस्तों घोटाले का पर्दा फास हो जाने पर 72 क्रिमिनल चार्जेज लगाये गये साथ हि करीब 600 सिविल केसेस उनके खिलाफ फाइल किये गये लेकिन 3 महीने बाद ही मेहता और उनके भाई जमानत पर रिहा कर दिए गये थे हालाँकि जेल से बहार आने के बाद हर्षद मेहता ने खुलासा किया की उन्होंने उस समय के प्रधान मंत्री पी वी नरसिम्हा राव को एक करोड़ रूपये उनकी पार्टी में दिए थे हालाँकि ये बात कभी भी साबित नही हो सकी

अक्तूबर 1997 में स्पेसिल कोर्ट ने मेहता के खिलाफ सीबीआई के द्वारा लगाये गये 72 आरोपों में से 34 को मंजूरी देदी जिस से की सितम्बर 1999 में बोम्बे हाई कोर्ट ने मेहता और 3 अन्य लोगों को 5 साल की सजा सुनाई हालाँकि एक बर फिर से उन्हें जमानत तो मिल गयी थी लेकिन दोबारा 2001 में इसी केस में हर्षद मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया और फिर आखिरकार 31 दिसम्बर 2001 को 47 साल की उम्र में तिहाड़ जेल में हार्ट अटैक की वजह से हर्षद मेहता की मौत हो गयी.

Harshad Mehta Family – Son, Wife

लेकिन दोस्तों चलिए अब हम बात कर लेते है वेब सीरीज में दिखाई गयी हर्षद की फॅमिली के बारे में की आखिर हर्षद मेहता की मौत के बाद से उनका की हुआ तो दोस्तों हर्षद की मौत के बाद भी बहुत सारे केसेस उनकी फॅमिली को लड़ना पड़ा 27 साल की कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार टैक्स डिपार्टमेंट ने फरवरी 2019 में हर्षद मेहता उनकी पत्नी ज्योति और भाई अश्विन पर लगे 2 करोड़ रूपये के लगे टैक्स को माफ़ क्र दिया और इसी साल हर्षद की वाइफ ज्योति ने किशोर जनानी और फेडरल बैंक के खिलाफ लड़ रे एक केस को भी जीत लिया था जिस में की हर्षद मेहता और उसकी फॅमिली को किशोर जनानी और फेडरल बैंक की तरफ से 6 करोड़ रूपये 18% ब्याज के साथ देने के लिए कहा गया.

अगर हम बात करे पुरे सफ़र में हर्षद मेहता का साथ देने वाले उनके भाई आश्विन के बारे में तो वह लोयर की जानकारी तो पहले से ही रखते थे लेकिन 50 साल की उम्र में उन्होंने डिग्री भी लेली और आज वह मुम्बई में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अंदर बहुत सरे केसेस आसानी से जीत चुके है साथ ही उन्होंने अपने कमाए हुए पैसों में से करीब 1700 करोड़ रूपये बैंक्स को भी दे दिए जिस में की हर्षद का नाम जुड़ा हुआ था और दोस्तों स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के हर्षद का नाम तो तभी हट गया था जब उनकी डेथ हुई थी लेकिन अश्विन 2018 तक अपने केस को तब तक लड़ते रहे जब तक उन्हें स्पेशल कोर्ट ने राहत नहीं देदी थी.

Harshad Mehta Son

साथ की हर्षद के बेटे अतुर मेहता के बारे में कुछ खास जानकारी तो नहीं है लेकिन 2018 में बीएससी लिस्टेड टेक्सटाइल कम्पनी फेयर डील फिलामेंट्स में उन्हें एक बड़ा स्टाक खरीदते हए नोटिस किया गया था साथ की कुछ सोर्स बताते है की आतुर स्क्वायर ऑफ़ नाम की एक कम्पनी के को फाउंडर है और दोस्तों सुचिता दलाल को आगे चलकर 2006 में पदमश्री के अवार्ड से भी नवाजा गया था

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तो दोस्तों ये थी हर्षद मेहता और उनके परिवार की कहानी और आपने अभी हर्षद मेहता की वेब सीरीज देखी की नहीं हमें कमेंट करके जरूर बताईयेगा धन्यवाद

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