Real History Of Mohenjo-daro City In Hindi । मोहन जोदड़ो शहर कैसे बर्बाद हुआ था

Mohenjo-daro (मोहन जोदड़ो) mohenjo-daro harappa मोहेंजोदड़ो ये एक ऐसा नाम है जिस के बारे में आप में से बहुत से लोग जानते हो और एशिया …

Real History Of Mohenjo-daro City In Hindi । मोहन जोदड़ो शहर कैसे बर्बाद हुआ था

Mohenjo-daro (मोहन जोदड़ो) mohenjo-daro harappa

मोहेंजोदड़ो ये एक ऐसा नाम है जिस के बारे में आप में से बहुत से लोग जानते हो और एशिया हो सकता है की बहुत से लोग नही भी जानते जो तो आज हमन आपको बताने वाले है की मोहेंजोदड़ो एक शहर का नाम है एक ऐसे शहर जो आत तो हमारी इस दुनियां में आबाद नहीं हैं लेकिन आज से तकरबीन 4000 साल पहले इस दुनियां में  मौजूद हुआ करता था दोस्तों ,मोहनजोदड़ो कोई आम शहर नहीं थाबल्कि ये अपने उस दौर में दुनिया का सबसे डेवलप शहर माना जाता था इस की तरक्की इस की खूबसूरती और इस की अमीरी का आलम था की इस के पूरी दुनियां में चर्चे थे लेकिन फिर अचानक से सब कुछ बदल गया चंद लम्हों में इस शहर में रहने वाले हर इंसान औए जानवर की मौत हो गयी इस की खूबसूरती इस की बदसूरती में बदल गई. और इस के खुबसूरत और आलिशान दिखने वाले सरे महल और घर खंडहरों में बदल गये और फिर धीरे धीरे पूरी दुनियां से मोहनजोदड़ो का नाम मिटता चला गया और फिर एक वक़्त ऐसा भी आ गया की की इस दुनियां में ऐसा कोई इन्सान भी मौजूद नहीं रहा की जिसे इस बात की नॉलेज हो की इस दुनियां में मोहनजोदड़ो नाम का शहर भी मौजूद हुआ करता था.

मोहनजोदड़ो शहर कैसा था ?

लेकिन दोस्तों अब सवाल ये है की मोहनजोदड़ो जैसा तरक्की पाया हा शहर आखिर कैसे बर्बाद हुआ और क्यूँ बर्बाद हुआ और आज से लगभग 4000 साल पहले जब ये इस दुनियां में मौजूद हुआ करता था तो आखिर किस देश में मौजूद्द हुआ करता था ये साडी चीजे आज की इस पोस्ट में हम आपको बताने वालें है साथ ही साथ हम आपको इस बारे में भी बताएँगे की आज के दौर में लोगों ने इस शहर का कैसे पता लगाया जो आज से तक़रीबन 4000 साल पहले ही बर्बाद हो चूका था, और जिस नाम लेने वाला भी कोई मौजूद नहीं था.

दोस्तों बहुत से लोग ये दावा भी करते हैं की मोहनजोदड़ो नाम का वो शहर जो आज से लगभग 4000 साल पहले इस दुनियां में आबाद हुआ करता था उस का जिक्र इस्लाम की पवित्र किताब यानि कुरान में भी मौजूद है, तो दोस्तों आज हम लोग इस दावे की सच्चाई जानेंगे क्या सच में मोहनजोदड़ो का जिक्र यानि नाम कुरान में मौजूद है या फिर नहीं है.

दोस्तों आज से लगभग 100 पहले यानि 1921 और 1922 के करीब में एक रिसर्च ओपरेशन में हिन्दुस्तान के जाने माने इलाके में यानि सिंध में कुछ खंडहर मिले आपको बताते चले की ये वही सिंध है जो आज इंडिया में नहीं बल्कि पाकिस्तान देश में मौजूद है, दोस्तों टूटे हुए उन महलो के खंडहर को देखकर शरू में तो हर एक ने यही समझा था की शायद ये किसी पुराने राजा महाराजा के महलों के खंडहर है लेकिन जब धीरे धीरे खुदाई का काम आगे बढ़ा तो लोग हैरान हो गये क्यूंकि ये किसी आम महल के खंडहर नहीं बल्कि पूरा का पूरा एक शहर था, एक ऐसा शहर जो आज से लगभग 4000 साल पहले इस दुनियां में आबाद था जिसे पूरी दुनियां मोहनजोदड़ो के नाम से जानती है.

जब से लेकर आजतक लगभग 100 साल गुजर चुके है लेकिन आज भी खुदाई में मिलने वाले उस शहर यानि मोहनजोदड़ो पर रिसर्च जारी है और आये दिन अभी भी मोहनजोदड़ो पर हैरान कर देने वाले खुलासे होते रहते है, तो अभी तक के रिसर्च से ये बात सामने आ चुकी है की मोहनजोदड़ो अपने दौर पे दुनियां के सबसे तरक्की पाए हुए शहरों में से एक था और इस में रहने वाले लोग भी सबसे अमीर माने जाते थे.

दोस्तों आज से लगभग 4000 साल पहले यानि उस दौर में की लोग जब मकान की बजाये जंगलों में डेरा डालकर रहते थे तो मोहनजोदड़ो में रहने वाले लोग आलिशान मकानों में रहा करते थे खुदाई में मिलने वाली चीजो से ये साफ सबित होता है की मोहनजोदड़ो में रहने वाले लगभग सभी लोगों के घर पक्के हुआ करते थे वो लोग अपने घरो को ईंटो से बनाया करते थे इस के अलावा मोहनजोदड़ो के हर घर में टॉयलेट और बाथरूम का भी अच्छा इन्तेजाम हुआ करता था, हालाँकि ये चीज उस दौर में दुसरे शहरों में नामुमकिन सी महसूस होती है इस के अलावा इस शहर की हर गली  की साइड में एक नाली भी मौजूद है जो नाली आगे जाकर बड़ी बड़ी नहरों में मिल जाया करती थी.

यानि आसान लफ्जों में हम ये कह सकते है की आज के दौर में हम ने अपनी जिंदगी के लिए जो कुछ जरूरी इन्तेजाम कर रखे है वो आज से लगभग 4000 साल पहले ही मोहनजोदड़ो नाम के शहर में कर रखे थे इस शहर की खुदाई में सोने का हार पहने हुए बेशुमार मूर्तियाँ निकली है जो इस बात को साबित करती है की इस शहर में रहने वाले लोग सोने से मालामाल थे और इस शहर में रहने वाली औरतें सोना पहनने की हद से ज्यादा शोकीन थी दोस्तों इन तमाम चीजों के साथ साथ इस शहर की खुदाई में कईं बार इंसानी बॉडी के ढांचे भी मिले है जो यकीनन इस दौर के इन्सान को ये सोचने पर मजबूर करते है की आखिर इस शहर में रहने वाले लोगो के साथ क्या हुआ था.

दोस्तों मोहनजोदड़ो की सबसे हैरान करने वाली बात ये है की इस शहर में बेशुमार पानी के कुंवे हुआ करते थे, आपको जानकर हैरानी होगी की मोहनजोदड़ो की अभी तक की खुदाई में लगभग 700 सै भी ज्यादा कुंवे मिल चुके हिया और इन बेशुमार कुंवो के अलावा इस शहर में एक बड़ा कुंवा भी हुआ करता था जो इन सरे छोटे छोटे कुंवो में पानी की सप्लाई का काम करता था और शायद येही वजह की ज्यादातर यूरोपियन राइटर ने मोहनजोदड़ो नाम के इस शहर को थे सिटी ऑफ़ वेल का नाम दिया है यानि कुंवो का शहर.

मोहनजोदड़ो शहर कैसे बर्बाद हुआ था (mohenjo daro mystery)

दोस्तों अब अगर बात करे इस शहर की बर्बादी का कारण की आखिर ये शहर कैसे बर्बाद हुआ और क्यों बर्बाद हुआ तो आपको बताते चले की मोहनजोदड़ो शहर पर रिसर्च करने वाले हर इन्सान ने अपनी अपनी रिसर्च के हिसाब से मोहनजोदड़ो के बर्बाद होने की अलग अलग वजह बताई है, कुछ लोगों का मानना है की मोहनजोदड़ो के बर्बाद होने की वजह 2000 ईसा पूर्व हिंदुस्तान आने वाली आर्यन कौम थी जिस ने मोहनजोदड़ो शहर पर हमला करके इसे बर्बाद कर दिया क्यूंकि उन लोगो का मानना है की भले ही मोहनजोदड़ो एक अमीर और तरक्की पाया हुआ शहर था लेकिन उस में रहने वाले लोग जंग लड़ना नही जानते थे, उन्हें  जंग लड़ने का कोई भी फन नही आता त्यह वहीँ उन के मुकाबले में आर्यन एक ऐसी कौम थी जो जंग में बड़ी महारथ रखा करती थी आर्यन से हिंदुस्तान आते ही सबसे पहले मोहनजोदड़ो पर हमला किया जिस की वजह से पुरा का पूरा शहर बर्बाद हो गया और इस शहर में रहने वाले सारे लोगों की भी चंद लम्हों में मौत हो गयी थी.

दोस्तों वहीँ कुछ लोग मोहनजोदड़ो की बर्बादी की वजह आर्यन की बजाय मौसम को बताते है उन का मानना है की मौसम बदल जाने की वजह से मोहनजोदड़ो शहर में बारिश होना बंद हो गयी वो सरे सेंकड़ों कुंवे जो उन के शहर में मौजूद थे सारे के सारे सूख गये थे सुखा पड़ने की वजह से उन की खेती बाड़ी भी बर्बाद हो गयी थी और आखिरकार नतीजा ये हुआ था की खाने वाले लोग ज्यादा हो गये थे और अनाज कम पड़ गया था जिस की वजह से चंद दिनों में ही पुरे शहर के हालात बदल गये थे, लोग भूक और प्यास से मरना शुरू हो गये थे और आख़िरकार एक वक़्त ऐसा भी आया की जब ये पूरा का पूरा शहर भूक और प्यास की वजह से ही ख़ामोश पड़ चूका था और इस शहर के सारे आलीशान घर और महल वीरान खंडहरों में बदल गये.

इन 2 बड़े रीज़न के अलावा बहुत सरे लोग अपने अपने रिसर्च के हिसाब से मोहनजोदड़ो के बर्बाद होने के अलग अलग रीज़न यानि वजह बताते आये है, यानि आजतक कोई भी ऐसा सबूत नहीं मिल सका है के जिस की वजह से ये दावे से कहा जा सके की मोहनजोदड़ो के बर्बाद होने की सिर्फ एक येही वजह थी.

मोहनजोदड़ो शहर का कुरान में जिक्र

अब दोस्तों सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है की कुछ इस्लामिक स्कॉलर भी ये दावा करते है की मोहनजोदड़ो शहर का नाम इस्लाम की सबसे पवित्र किताब यानि कुरान में भी मौजूद है आखिर ये लोग ऐसा दावा क्यूँ करते है ये भी हम आपको बताते है.

Mohenjo-daro

दोस्तों कुरान शरीफ में असहाबूरअस नाम की एक ऐसी कौम का जिक्र किया गया है की जिस ने अल्लाह पाक की नाफरमानी की थी और वो गलत रस्ते पर चली थी की जिस की वजह से अल्लाह पाक ने  उस को हलाक कर दिया था यानि उस के उपर अजाब नाजिल कर दिया गया  था, दोस्तों रस का मतलब शब्दकोष में पुराना कुंवा होता है इसी लिए असहाबूरअस का मतलब होता है कुंवे वाले.

दोस्तों सुरह फुरकान की आयात नंबर 38 से 39 में अल्लाह पाक ने इरशाद फ़रमाया “और आदो समूद और असहाबूरअस को और उन की दरमियानी ज़माने की बहुत की कौमों हमने हलाक कर दिया और हमने हर एक के वास्ते मिसाले बयां की और हमने उन सब को हलाक कर दिया” इस के अलावा कुरान शरीफ में एक जगह और सुरह काफ़ में अल्लाह पाक ने आयात नंबर 14 से लेकर 16 तक ये फरमाया है “इन से पहले भी नूह की कौम और कुंवे वालों ने और समूद, आद, फिरोन और बरादराने लूत असहाबे ईका और तबा की कौम के हर एक ने रसूलों को झुटलाया पस उन पर अजाब नाजिल हुआ”

दोस्तों आपने देखा की दोनों जगह पर असहाबूरअस  यानि कुंवे वालों का जिक्र हुआ है और ये बयान किया गया है की उन के उपर अज़ाब नाजिल हुआ था और उन कली पूरी कौम को ख़तम कर दिया गया था.

दोस्तों सरे ही मुफस्सिरीन यानि इस्लाम से बड़े बड़े आलिम इस बात पर मुत्तफ़िक़ की है की क़ुरान में असहाबूरअस  यानि कुंवे वाली कौम का जिक्र हुआ है उस का ज़माना हज़रात ईसा अलैहि सलाम से भी पहले का ज़माना है और साथ ही साथ और साथ ही साथ इस बात को भी बताते हिया की इस कौ का कुंवे से कोई गहरा रिश्ता है की जिस की वजह से इसे कुरान में भी असहाबूरअस  यानि कुंवे वाली कौम कहा गया है, इन तमाम चीजो से साथ साथ इस्लामिक स्कॉलर इस बात पर भी अग्री करते है की असहाबूरअस नाम की इस कौम ने अपने एक नबी को कतल किया था जिस की वजह से अल्लाह पाक ने इन के उपर अजाब नाजिल किया था और इन की पूरी कौम इनकी पूरी बस्ती को हजी बर्बाद कर दिया था.

क़ससुल कुरान में ये बयां किया जाता है की असहाबूरअस नाम की इस कौम का एक कुंवा था ये कुंवा इतना बड़ा था की इनकी पूरी कौम के लिए काफी हुआ करता था इस कुंवे के साथ साथ इनका एक बादशाह भी था, ये बादशाह बहुत नेक दिल और इंसाफ पसंद थालेकिन अचानक से एक दिन इस बादशाह की मौत हो गयी जिस की वजह से ये असहाबूरअस  यानि कुंवे वाली कौम बहुत रोई और ये सोचने लगी की अब हमारा बादशाह जा चूका हिया आखिर अब हम क्या करेंगे, अचानक से एक दिन शैतान इन के बादशाह की शक्ल में हाज़िर हुआ और इन से कहा की  में तुम्हारा बादशाह हूँ में मरा नहीं था बल्कि में तो सिर्फ इस लिए तुम्हारे पास से गायब हो गया था ताकि में दखु की मेरी गैर मोजुदगी में क्या करोगे, वो लोग ये देखकर बहुत खुश हुए और वो दिल ही दिल में ये सोचने लगे i वा भई वा अभी तो हमारा बादशाह जिंदा है, बादशाह की शकल में उस शैतान ने कुंवे वाली कौम को ये हुकुम दिया की मेरे और अपने दरमियान एक पर्दा डाल लो और में उस परदे के पीछे से ही हमेशा तुम लोगो से बात किया करूँगा और याद रखो अब में दुबारा कभी भी नहीं मरूँगा फिर क्या ये पूरी कौम उस शैतान के बहकावे में आ गयी और देखते ही देखते ये कौम उस परदे के पीछे बैठे शैतान की इबादत करने लगी ऐसे हालात की वजह से अल्लाह ने इस कौम की तरफ अपने एक पैगम्बर को भेजा अल्लाह के नबी ने इस कौम को बताया की परदे के पीछे जो तुम से मुलाकात करता है वो तुम्हारा बादशाह नहीं बल्कि उस की शकल में शैतान है, तुम्हे चाहिए की तुम लोग उस की इबादत छोड़ कर सिर्फ एक अल्लाह की इबादत करो की जिसका कोई भी शरीक नहीं है.

लेकिन इन असहाबूरअस यानि कुंवे वाली कौम ने अल्लाह के नबी की बात मानने की जगह उन्हें शहीद कर दिया और शहीद कर के उन्हें अपने शहर के एक बड़े कुंवे में डाल दिया जिस की वजह से धीरे धीरे उनके शहर के सारे कुंवे सूखते चले गये और फिर कुछ दिन बसद ही उन के पुरे शहर ने सुखा पड़ गया सुखा पड़ने की वजह से उस शहर में रहने वाला हर इन्सान प्यास से तड़प तड़प कर मर गया औएर फिर कुछ दिनों बाद ही बर्बादी की वजह से उनके पुरे शहर का नामोनिशान मिटा दिया गया .

लेकिन दोस्तों आजतक कोई भी मुफक्किर या मुफस्सिर ये बाद दावे के साथ नही बता सका है की कुरान में जिस कुंवे वाली कौम का जिक्र आया है वो कौम इस दुनियां के किस हिस्से में रहा करती थी और न ही कोई दावे के साथ ये बता सका है की आखिर वो लोग थे कौन.

और बिलकुल ये हाल 1922 में मिलने वाले शहर मोहनजोदड़ो  का भी है, मोहनजोदड़ो के बारे में भले ही लोग तरह तरह के दावे करते हो लेकिन कोई भी एक इन्सान दावे के साथ ये नहीं बा सकता है आखिर मोहनजोदड़ो में रहने वाले लोग कौन थे और आखिर उन लोगो का ये शहर बर्बाद क्यूँ हुआ था.

लेकिन दोस्तों हैरान कर देने वाली बाद ये है की कुरान में जिस कौम का जिक्र हुआ है उसमे और मोहनजोदड़ो में रहने वाले लोगो में बहुत सी चीजे कोमन है जो इन्सान को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करती है क्यूंकि कुरान में मोजूद कुंवे वाली कौम का ज़माना भी हज़रात ईसा से पहले का था और वहीँ दूसरी तरफ मोहनजोदड़ो शहर का भी ज़माना हज़रात ईसा से पहले का है दूसरी चीज ये है की कुरान में जिस कुंवे वाली कौम का जिक्र किया गया हुआ है उस के शहर में हद से ज्यादा कुंवे थे जिस की वजह से उसे असहाबूरअस यानि कुंवे वाली कौम कहा गया था.

और ठीक उसी तरह 1922 में खोजे जाने वाले शहर मोहनजोदड़ो में भी बेशुमार कुंवे है जिस की वजह से उसे बहुत सरे यूरोपियन ने थे सिटी ऑफ़ वेल का भी नाम दे दिया है यानि कुंवो का शहर, इस के अलावा भी इन दोनों में बहुत सारी चीजे हिया जो इन्सान को सोचने पर मजबूर क्र देती है.

लेकिन इन तमाम चीजो के बावजूद भी अह्बी हम ये दावा नहीं कर सकते की ये दोनों शहर एक ही थे या फिर अलग अलग.

mohenjo-daro history in hindi

फ़िलहाल दोस्तों आज के लिए ये ही जानकरी उम्मीद हिया आपको पसंद आया होगा औए भी इसी तरह के इंट्रेस्टिंग और अमेजिंग अर्टिकल आते रहेंगे और हमे कमेंट करके जरूर बताये की ये जानकारी आपको कैसी लगी | धन्यवाद

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